मेरी मौजूदगी का जब.! कोई निशां पूछे,तुम कलम उठाकर बस बागी लिख देना। योद्धा हैं योद्धा जैसे जिएंगे …और मरेंगे भी एक योद्धा की तरह… गुमनामी की जिंदगी और गुमनामी की मौत हमे मंजूर नही..
मेरे लिए पत्रकारिता मतलब पैसा नही विश्वास कमाना है ..और आप देखना एक दिन मैं इसमें कामयाब जरूर हो जाऊंगा .. 👍 वादा है 😊
सफर लंबा हो चला ..पर पत्रकारिता का तात्पर्य आज भी मेरे लिए वही है ..बस लड़ना है हर अराजकता और अव्यवस्था के खिलाफ ..
इस दुनियां में सच कहना भी किसी बहादुरी से कम नही .हर बार सच कहना भले कितना ही मुश्किल हो पर ये जो रास्ता है इसको मैंने ही चुना है ..अब इससे गद्दारी भला कैसे हो पाएगी