दंतेवाड़ा जिले के वेटरिनरी विभाग के डॉक्टर रजत रत्नायक की बड़ी लापरवाही आई सामने

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दंतेवाड़ा जिले के वेटरिनरी विभाग के डॉक्टर रजत की बड़ी लापरवाही आयी सामने

किरंदुल.के मुख्य बाजार मे गुरुवार सुबह के वक़्त पशु प्रेमी मोहित धवन को जानकारी मिली की उनके घर के पास ही कुत्ते के बच्चे का पैर मे कुछ परेशानी है जा कर देखने पर बच्चे का पैर मे बड़ी अंदुरानी चोट मिला जिसके बाद तत्काल पशु प्रमियों द्वारा वेटरनरी अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टर ने देख जाच कर बताया की कुत्ते के बच्चा का पैर टूट गया है

इसकी इलाज की सुविधा किरंदुल मे नहीं है इसको प्लास्टर की जरूरत है दंतेवाड़ा ले जाने को कहा उसके बाद अभिषेक सींग मे अपने निजी कार से बाहरी कुत्ते के बच्चे को दंतेवाड़ा ले गये लगभग 1.15 तक दंतेवाड़ा वेटरनरी अस्पताल पहुंच गए  जहाँ डॉ रजत से संपर्क करने पर डॉ रजत ने बताया की अस्पताल बंद हो गया है अभी हम कुछ नहीं कर सकते आप 4 बजे तक इंतजार करें उसके बाद अभिषेक के द्वारा विनती की गयी की हम किरंदुल से आय है कृपया इसका इलाज करें

डॉ रजत के द्वारा बॉस के लकड़ी लगा कर पट्टी कर दी गयी और वापस भेज दिया गया वो पट्टी भी किरंदुल आते तक निकल गयी

उसके बाद किरंदुल पशु प्रमियों मे काफ़ी नाराजगी देखि जा रही है डॉ रतन के इस कृत्य से

आज सुबह 10 बजे करीब सभी पशु प्रमियों ने मिल कर किरंदुल वेटरनरी अस्पताल मे उस कुत्ते के बच्चे को ले गाय और अपने पैसो से प्लास्टर के लिऐ जरूरी सामान दवाई दुकान से ख़रीदा और बच्चे को प्लास्टर कराया

वही किरंदुल की पशु प्रेमी श्रमित पूर्णिमा ने डॉ रजत को फोन कर इसके बारे पे पूछा तो डॉ रजत साहब का बढ़ा ही बेहतरीन जवाब सुनने को मिला की अस्पताल बंद हो गया था और हम किसी अन्य कार्यक्रम के लिऐ व्यस्त थे और हम क्या कर सकते थे आप लोग हमारे अस्पताल मे दुबारा मत लाइए किसी भी पशु को और फोन काट दिये

जिसके बाद तो किरंदुल पशु प्रमियों मे और भी आक्रोश देखने को मिल रहा है और ऐसे वेटरनरी डॉक्टर रजत तो अपने कार्य मे लापरवाही बारतने के लिऐ शिकायत करने की बात कही जा रही है

क्या इस बेज़ुबान कुत्ते के बच्चे की जगह इन्शान का बच्चा होता और डॉ साहब इंसानो के डॉ होते तो क्या करते बेज़ुबान बच्चे के लिऐ क्या इन महान डॉ रजत को तनिक भी दर्द या दया नहीं आयी की इस बच्चे को कितना दर्द हो रहा होगा ये छोटा बच्चा कैसे दर्द बर्दास्त कर रहा होगा

डॉ सहन ने तनिक भी नहीं सोचा की कोई सडक मे घूमते कुत्ते के बच्चे को अपनी निजी कार से किरंदुल से दंतेवाड़ा 40 किलोमीटर दूर बिना किसी स्वर्थ के इलाज के लिऐ ले गये है ऐसे मे वो इन सब बातो को ध्यान रखते हुऐ समय का रोना ना रोते हुऐ बच्चे का इलाज कर देते

क्या ऐसे अपने कार्य मे लापरवाही बारतने वाले वेटरनरी डॉक्टर रजत पर कारवाही करेगी सरकार क्या ऐसे डॉ को बेज़ुबान जानवरो की जिंदगी का कोई दर्द होगा और ऐसे कितने बेज़ुबान जानवरो की जान से भी खेल गये होंगे डॉ साहब ये तो भगवान ही मालिक

 

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