पोटाली सब हेल्थ सेंटर: संघर्ष, सामूहिक प्रयास और आशा की यात्रा
एक इतिहास जो संघर्ष की कहानी कहता है
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गहरे जंगलों में स्थित पोटाली गांव की कहानी अनगिनत संघर्षों, चुनौतियों और अंततः विजय की मिसाल है। पोटाली गांव, जो कभी हिंसा और अशांति के लिए जाना जाता था, आज एक नई आशा का केंद्र बन चुका है।
2004-05 में NMDC द्वारा निर्मित पोटाली सब हेल्थ सेंटर (SHC) ने अपने निर्माण के कुछ समय बाद ही नक्सली हिंसा और सलवा जुडूम आंदोलन के कारण अपना उद्देश्य खो दिया। नक्सलियों ने इस भवन की दीवारों पर धमकी भरे संदेश लिख दिए थे, जो इसे उपयोग करने वालों को चेतावनी देते थे। इससे हेल्थ सेंटर वर्षों तक अनुपयोगी रहा।
ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 7 किलोमीटर दूर अरनपुर या 18 किलोमीटर दूर समेली गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पैदल जाना पड़ता था। कई बार, केवल बुनियादी दवाओं के लिए भी उन्हें मीलों चलना पड़ता था। यह स्थिति ग्रामीणों के लिए बेहद कठिन और निराशाजनक थी।
पुनर्जीवन की पहल
2021-22 में, जब आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर (HWC) योजना के तहत पोटाली SHC को पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव आया, तो यह ग्रामीणों के लिए एक नई आशा की किरण लेकर आया। जिला स्वास्थ्य टीम, जिसमें WHO कंसलटेंट और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी शामिल थे, ने पोटाली के लगभग 50-60 ग्रामीणों के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों के दौरान ग्रामीणों ने अपनी कठिनाइयां साझा कीं। उनके संघर्ष की कहानियां, जैसे कि दवाओं के लिए नंगे पांव 7 किलोमीटर पैदल चलना, दिल को झकझोरने वाली थीं।
ग्रामीणों की अपील और दृढ़ संकल्प ने अधिकारियों को प्रेरित किया। SHC पोटाली के जीर्ण-शीर्ण भवन का नवीनीकरण शुरू हुआ। कई वर्षों तक जो भवन वीरान पड़ा था, उसमें फिर से जीवन लाने का कार्य आरंभ हुआ।
चुनौतियां और बलिदान
हालांकि, यह यात्रा आसान नहीं थी। अप्रैल 2023 में अरनपुर के पास हुए एक बम धमाके में 10 सुरक्षा कर्मियों की मौत ने पूरे क्षेत्र में डर का माहौल बना दिया। इस घटना के बाद ठेकेदारों और श्रमिकों ने अपनी सुरक्षा के डर से काम रोक दिया।
हालांकि, नवंबर 2023 में ग्रामीणों और जिला प्रशासन के बीच फिर से बातचीत हुई। प्रशासन ने ग्रामीणों को सुरक्षा का आश्वासन दिया, और काम को फिर से शुरू किया गया। लेकिन, अप्रैल 2024 में एक प्रमुख ग्रामीण नेता, जो इस परियोजना के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे, की हत्या ने समुदाय को गहरे शोक में डाल दिया।
सामूहिक प्रयासों से सफलता
इन सभी बाधाओं के बावजूद, पोटाली SHC को पुनर्जीवित करने का कार्य रुकने नहीं दिया गया। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और ग्रामीणों ने मिलकर इस परियोजना को पूरा करने के लिए अथक प्रयास किए। सरकारी योजनाएं, जैसे ‘एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम’ और ‘नियाद नेलनार योजना’, ने इस परियोजना को गति प्रदान की।
अंततः, 1 जनवरी 2025 को माननीय विधायक और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में SHC पोटाली का उद्घाटन हुआ। इस समारोह में लगभग 180 ग्रामीण शामिल हुए और इस ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाया।
आशा की नई किरण
आज, आयुष्मान आरोग्य मंदिर – सब हेल्थ सेंटर पोटाली तीन गांवों के 2,583 निवासियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र बन चुका है। इस केंद्र में छह-बिस्तरों वाला वार्ड की भी सुविधा है जिसके सफल संचालन के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO), ग्रामीण स्वास्थ्य आर्गेनाइजर (RHO), और 26 मितानिन की टीम मौजूद है। यह केवल स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र नहीं है, बल्कि सामुदायिक सहयोग और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बन चुका है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर – सब हेल्थ सेंटर पोटाली की यह यात्रा दर्शाती है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, सामूहिक प्रयास और संकल्प के साथ असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।