कल्पतरु इंटरनेशनल प्रोजेक्ट किरंदुल मे हो रहा लेवारों का शोषण और नाबालिक बाल मजदूरी

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*कलपतरु कंपनी नाबालिक बच्चों से करवा रही मजदूरी और मजदूरों का हो रहा शोषण*

 

कल्पतरु इंटरनेशनल कंपनी की लापरवाही व भ्रष्टाचार एक के बाद एक रोज हो रही उजागर

 

किरन्दूल :- एनएमडीसी के अधिन 10 दस मंजिला ईमारत निर्माण कर रहीं कलपतरु इनरनेशनल कंपनी दूसरे जिलों से बाल मजदूरो को लाकर लौहनगरी के कई स्थानों पर कार्य करवा रहीं हैं। कुछ स्थानीय लोगों द्वारा स्थानीय पत्रकारों को बताया गया कि कलपतरु इंटरनेशनल कंपनी के द्वारा अन्य जिलों व राज्यों से मजदूरों को बुलाकर काम कराया जा रहा है जिसमें कुछ नाबालिक बच्चे भी हैं जब स्थानीय पत्रकारों द्वारा कार्यस्थल पर जाकर देखा गया तो पाया कि 2 नाबालिक बच्चों से जोखिम भरे कार्यों को कराया जा रहा है। वहीं कार्यस्थल पर उपस्थित कलपतरु कंपनी के किरंदुल प्रोजेक्ट हेड बलराम राय से जब स्थानीय पत्रकारों ने पूछा की बाल श्रमिकों से यह कार्य क्यों कराया जा रहा है तो उन्होंने बाल मजदूर के समक्ष ही इनकार करते हुए बोला की यह बाल मजदूर हमारी कंपनी का कार्य नहीं कर रहा है। बलराम राय के समक्ष खड़े बाल मजदूर से जब यह पूछा गया कि किस कंपनी का कार्य कर रहे हो तो बाल मजदूर ने बलराम राय के सामने ही कह डाला कि कलपतरु कंपनी का कार्य कर रहा हूं और रोजाना ₹400 की मजदूरी मुझको दिया जाता है बाल मजदूर की मुंह से यह सच्चाई सुनते ही कल्पतरु कंपनी के किरंदुल प्रोजेक्ट हेड बलराम राय ने कार्यस्थल से अपनी दूरी बनाने लगे पत्रकारों से दोबारा जवाब तलब करने पर कुछ कहने से इनकार करते हुए दूरी बनाने लगे और कुछ कहने से साफ इन्कार कर दिया। मजदूरो से बात करने पर मजदूरों ने बताया की कंपनी द्वारा ना ही उन्हें केंद्र सरकार से तय पूरी मजदूरी दी जा रही है ना ही उनका पी.एफ ( भविष्य सुरक्षा निधी ) काटी जा रही है। कंपनी बाल मजदूरों के साथ साथ वयस्क मजदूरों का भी कर रहा हैं शोषण कंपनी मजदूरों का पी एफ राशी भी कर रहा गमन

वहीं दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में श्रम विभाग की कार्य प्रणाली भी बेहद सुस्त व चरमराई हुई है। विभागीय अधिकारी जिला में बाल श्रमिकों की मौजुदगी से भी बना रहता हैं अनजान शिकायत मिलने के बावजूद भी कछुआ गति से करते हैं कार्यवाही जबकि जिला मुख्यालय में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से पूर्व में भी भांसी व दंतेवाड़ा स्टेशन के मध्य रेल्वे लाइन पर पटरी बदलने एवं मरम्मत कार्य में कई स्थानो पर कार्य कराया जा रहा था जिसकी शिकायत कुछ स्थानीय लोगों द्वारा करने के बावजूद भी आज दिनाक तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई वहीं केंद्र श्रम विभाग द्वारा तय दर अकुशल मजदूरो को 526 रु प्रदाय करने की जगह कंपनी द्वारा मात्र 400 रु ही प्रदाय की जा रही है

वहीं इन बलमजदूरों की माने तो जोखिम भरा काम बिना किसी सुरक्षा उपकरण के कराया जा रहा है ना ही हाथ मे दस्तान है ना पैर के लिऐ जूते ना ही हेलमेट कंपनी के द्वारा किसी भी सुरक्षा मानको का ध्यान नहीं दिया जा रहा है

इससे यह अनुमान लगाया जा सकता हैं की इस कार्य को करने वाले वयस्क एवं बाल मजदूरो का शोषण किस हद तक किया जा रहा है

दूसरे राज्यों से बैलाडीला में मजदूरी करने आये सैकड़ो मजदूरों की पूरी जानकारी व सूची भी किरंदुल पुलिस थाने मे जमा नहीं की गई इस मामले मे देखे तो पुलिस थाना की भी बड़ी लापरवाही उजागर हो रही है। नक्सली प्रभावित व संवेदनशील छेत्र होने के बावजूद इन मजदूरों की परिचय पत्र पुलिस के पास नहीं होना जब की क्षेत्र में लगातार घटनाये बढ़ रही हैं।

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