दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल और बचेली मे एन एम डी सी लिमेटेड के अंदर मे कल्पत्रु कॉर्पोरेट कोलकता की कंपनी 10 मिंजिला ईमारत निर्माण का कार्य कर रही है
जिसमे दीगर राज्य से लगभग 650 से ज्यादा मजदूर आ कर ईमारत निर्माण का कार्य कर रहे है वही स्थिनीय मजदूर की संख्या आधी से भी कम है लगभग 200 से 300 से के बिच और स्थानीय मजदूरों की रोजाना भुगतान अकुशल मजदूर की 350 से 400 ही है वही दीगर राज्य से आये अकुशल मजदूरों की रोजाना भुगतान 500 है और कुशल मजदूर की 600 से 700 के बिच है
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दीगर राज्य से आये मजदूरों का पुलिस थाना मे आधे से भी कम की जानकारी दी गयी है
इन मजदूरों से जब हम ने मिल कर जानकारी ली तो इन्होने बताया की कुछ मजदूर 2 महीने से काम कर रहे है पर इनको अब तक वेतन भुगतान नहीं किया गया है तो वही कुछ लोगो को सिर्फ 15000 दिया जा रहा है
आप को बता दे की दंतेवाड़ा जिले से हजारों मजदूर निकटतम राज्य आंध्र तेलंगाना मे मजदूरी करने जाते है
कई बार देखा गया है की बाहर राज्य मे कार्य करने गये मजदूरों की दुर्घटना मे मौत भी हो गयी है या किसी ऐसे कारखाने मे कार्य करते है जैसे चुना, केमिकल फटाका या अन्य जिसके कारण उस कारखाने मे सुरक्षा के पूर्ण इंतजाम नही किया जाता है जिसके कारण कई मजदूर गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते है और इन कारखाने के मालिकों द्वारा इन मजदूरों को बीमार पड़ता देख इनको बिना किसी इलाज या खर्च के वापस भेज दिया जाता है
दंतेवाड़ा जिले के भोले भाले ग्रामीण आदिवासिय मजदूरी के नाम से अन्य राज्य जाते है और कई बार बंधवा मजबूत दूर की तरह महीनों सालों काम करते हैं
अब सवाल ये आता है की कल्पत्रु मे कार्य करने आय मजदूरों की पूरी जानकारी पुलिस थाना किरंदुल और बचेली को क्यों नहीं दिया गया है
इन दिनों दंतेवाड़ा जिले मे बच्चा चोरी लोहा चोरो घरों और दुकानों मे चोरी की और अन्य आपराधिक घटनाये बड़ी है ऐसे मे बाहर राज्य से कार्य करने आये मजदूरों के द्वारा किसी घटना को अंजाम दिया जाता है तो इसकी जानकारी किसी की नहीं होंगी और ना ही इनकी कोई जानकारी मिल पाएगी
अब एक नजर मे देखे तो छत्तीसगढ़ राज्य के लोग बाहर राज्य काम मे ना जाने के लिऐ सरकार द्वारा तरह तरह की कोसिस की जा रही है तो फिर दंतेवाड़ा जिले मे कई कंपनी बाहर राज्य से मजदूरों को ला कर कार्य करा रही है और दंतेवाड़ा जिले के ग्रामीणों को दूसरे राज्य मे काम की तलाश मे जा कर कार्य करना पड़ रहा है बंधवा मजदूर बन रहे है कई लोग अपनी जान से हाथ धो रहे है ऐसे मे क्या स्थानीय कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस क्या इन सब की जिम्मेदारी नहीं बनती की इन कंपनियों में विचार विमर्श कर स्थानीय मजदूरों के हित मे कार्य करते हुऐ स्थानीय मजदूरों को कार्य मे लगाए और जो श्रम विभाग की दर है उस दर पर इन मजदूरों को वेतन भुगतान कारण